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जो बातें दिल को बुरी लगें, वो बातें सारी रहने दो
तिनका तिनका लुटाओ प्यार, अब ये बेशुमारी रहने दो
जो लगा रहे हो हिसाब अपने गुनाहों का आज,
तो झुका लो अपना सर अब ये खुद्दारी रहने दो
हम मोहब्बत के नशे में चूर हैं तो क्या
ठोकर खाकर संभल जाएंगे चंद पल ये खुमारी रहने दो
सिखाया ही करते हो हमें तौर और अदब
हमसे ना होगी ये दुनियादारी रहने दो
हमें न मिल सका कोई जो खैरियत भी पूछ ले
और कितनी आज़माइश करेंगे ये दोस्ती यारी रहने दो
ये क्या के बेच आए अपनी आबरू, ख़ैर
मोहब्बत न करो कमज़कम बाज़ारी, रहने दो
तुम अल्फाज़ो में बहुत उलझ लिए बेकार ही
कुछ काम की बात करो अब ये कलाकारी रहने दो
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Bahut umdah…
Bas “Alfaazon” Wrong he…sirf Alfaaz ya fir Lafzon use karen…
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